संदेश

नवंबर 16, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डूबते सूरज के चमक और आदर्श को नमस्कार है

उगते सूरज को तो सब नमस्कार करते हैं, हम डूबते सूरज को भी नमस्कार करते हैं। इसके पीछे हमारी सोच है कि जब हम सबसे ज्यादा समय सूरज की रौशनी से निकालते है और वह डूब रहा हो तो नमस्कार करना जरूरी हो जाता है। इसलिए भारत ही नहीं पूरी दुनिया को डूबते सूरज का महत्व बताता है हमारा छठ। यह एक ऐसा त्योहार है जिसे न हिंदू मनाते है न मुस्लमान ठूकराते है यह हर्षोल्लास और नमस्कार का त्योहार है। इसे सब मिलजूलकर मनाते हैं। इसे क्या हिंदू और क्या मुसलमान जिस जगह पर शुरू हो जाए यह त्योहार सब इसके व्रती के लिए रास्ते बुहारने लगते है। डूबते सूरज को उसकी चमक और आदर्श के लिए नमस्कार करते हैं।  उगते हुए सूरज से तेज, शौर्य, साहस, उर्जा और शक्ति की जहां कामना होती है, वहीं उसके डूबते हुए रूप से शांति की कामना करते हैं। सूरज का डूबना मतलब जीवन में अंधेरा आ जाना नहीं होता, बल्कि शांति और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कुछ समय का अंधकार जीवन में नई उर्जा, रोशनी भरने के लिए होती है। यह डूबता सूरज अंधेरा जरूर लाता है, लेकिन उसका उगता हुआ स्वरूप सिर्फ और सिर्फ उजाला का आदर्श बनकर आता है। उगता सूरज भी लालीमा लिए होता है औ