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बेरोजगार और लाचार मजदूरो की घर वापसी महंगाई और भुखमरी को जन्म देगी

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बिलासपुर में बैग ठीक कराते हुए मजदूर , किसान के लिए भारत में आजादी के बाद से सैकड़ों आंदोलन हुए हैं। कितनी ही पार्टियां और लोग मजदूर व किसान के हित के लिए लड़ते लड़ते अरबपति बन गये। पार्टियां सरकार बना लीं तो लड़ने वाले लोग मंत्री बन और अरबपति बन गये। नहीं बदली तो किसान व मजदूरों की समस्याएं उनकी किस्मत उनकी हालात। कल भी मजदूर मजदूरी करने, पेट पालने, भुखमरी से बचने पलायन कर रहा था, आज भी मजदूर पलायन कर रहाहै। कुछ गुदड़ी के लाल हुए होंगे जो आगे बढ़ गये होंगे उनकी गिनती लाखों में एक-दो होगी। लेेेेेकिन मजदूरों के हालात आज भी वही है, परिस्थितियां आज भी वैसी ही है जैसी आजादी के वक्त थी। मजदूरों के पास काम नहीं है, सरकारें राहत पैकेज की घोषणा पर घोषणा कर रही हैं। मजदूरों की घर वापसी करवा रही हैं। यह सोचे बिना कि यह मजदूर घर वापस जाकर क्या काम करेंगे। घर में बिना काम किए कितने दिन रहेंगे। उन उद्योगों का क्या होगा जहां ये काम कर रहे थे। उनके उत्पादन का क्या जिससे जीवन आसान हो रही थी। महंगाई कम थी‌। घर में रहकर मजदूर कितने दिन काम‌ नहीं करेगा। कितने दिन तक सरकारें इनको बिना काम के पा