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ललित सुरजन : ग्रामीण पत्रकारिता में भागीदारी

देशबंधु अविभाजीत देश का पहला अखबार हुआ जो ग्रामीण पत्रकारिता को महत्वपूर्ण स्थान देकर देश में ख्याति प्राप्त किया। ग्रामीण क्षेत्र के समाजिक मुद्दों को उठाया। खासकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ (अविभाजीत मध्यप्रदेश) में फैली टोनही प्रताड़ना, बहिष्कार, किसान, मजदूर, फैक्ट्री में होने वाले आंदोलन को सामने लाया। ग्राउंड रिपोर्ट के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में होने वाले घोटालों और भ्रष्टाचार को उजागर किया। जब अन्य अखबार शहरी चकाचौंध से प्रभावित होकर खोए हुए थे तब देशबंधु ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे नए-नए प्रयोगों को समाज के सामने लाया। उस समय के चर्चित अखबार जिन मुद्दों को अनदेखा करते थे उसे उठाकर देशबंदु ग्रामीण इलाकों में अपनी पैठ बनाई। ऐसे तमाम मामलों को अखबार में उजागर कर लोगों तक पहुंचाया। अविभाजित मध्यप्रदेश में देशबंधु को पत्रकारिता का स्कूल कहा जाता था। देशबंधु की नींव भले ही मायाराम सुरजन जी ने रखी, हो लेकिन उसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका ललित सुरजन जी ने निभाई। ग्रामीण पत्रकारिता की जब भी बात की जाएगी ललित सुरजन और देशबंधु का नाम सामने आएगा। आज हमारे बीच ललित सुरजन जी नहीं हैं