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हम बेवकूफ नहीं है साहब उल्लू मत बनाओ

देश में स्वदेशी और विदेशी का बहुत जोरों से विरोध हो रहा है। लोग महात्मा गांधी की तर्ज पर विदेशी वस्तुओं का बहिस्कार कर रहे हैं। लोग काम बहुत अच्छा कर रहे हैं मैं उनका समर्थन करता हूं पर जितने भी लोग इससे जुड़े हुए हैं उनके बच्चों से अगर बात की जाए तो पता चलेगा कि वास्तविक स्थिति क्या है। आपको बता दूं कि जितने विरोध करने वाले है सभी के बच्चे अच्छे कॉनवेंट स्कूल में अंग्रेजी की पढ़ाई कर रहे है। अब आप सोचेंगे की पैसा है तो क्या बच्चों के सरकारी स्कूल में पढ़ाएं तो मैं कहां कह रहा हूं कि आप सरकारी स्कूल में पड़ाओ पर हम बेवकूफ नहीं है साहब उल्लू मत बनाओ... हमें पता है कि आप हमारा माइंड वास कर रहे हो स्वदेशी के नाम पर। आने वाले समय में माइंड वास जब हो जाएगा आपका वही बेटा कोर्ट पेंट में खड़ा होकर कहेगा Stupid Indian nappy holder क्योंकि वह बाद में बनेगा उच्च अधिकारी और हम लोग स्वदेशी जो पहनेंगे लंगोट... साहब आप हमें यह न बताओ कि हमें स्वदेशी अपनाना है आप पहले अपना दोहरा चोला उतारो क्योंकि जरुरत आपको है। एक तरफ तो स्वदेशी का राग अलापा जा रहा है दूसरी ओर इंटरनेट पर आप सर्च कर देखीए कि स्वदेशी नाम स