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अगस्त 12, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

छत्तीसगढ़ में सरकार बनाना कठीन होगा

बहुत दिनों बाद लौटा हूं... मुद्दा गंभीर है... छत्तीसगढ़ से जुड़ा है। या यूं कहूं कि छत्तीसगढ़ सरकार से जुड़ा है। हाल ही में शिक्षाकर्मियों ने संविलियन के लिए आंदोलन किया। इससे भारत का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों की पढ़ाई कई दिनों तक प्रभावित होती रही। लगातार हड़ताल काम बंद और विरोध के साथ शिक्षाकर्मियों का बड़ा तबका होने  के कारण सरकान ने इनका संविलियन करने की घोषणा कर दिया। शिक्षाकर्मी शांत पड़े तो  मुद्दा उससे  भी गंभीर हो गया। इस बार पुलिस के लोग आंदोलन पर उतर आए। पुलिस वाले खुद तो आंदोलन में शामिल नहीं हुए, लेकिन उनके परिवार के लोग इस आंदोलन को आयोजित किए। बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं। ऐसे में पुलिस या उनके परिवार के आंदोलन पर जाने का मतलब है हमारी सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हुई। दूसरे सरकार ने आदेश दिया पुलिस परिवार के लोगों को गिरफ्तार किया जाए। वहीं पुलिस कर्मी अपने ही परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए मोर्चा संभाले रखा। समझ सकते हैं जब किसी को कहा जाए कि अपने ही परिवार की कुर्बानी दे दो, लेकिन आपकी सैलरी नहीं बढ़ाएंगे, आपको पदोन्नत नहीं करेंगे, आपको विकली ऑफ न

जागो मतदाता जागो अपनी कीमत पहचानो

वोटर और गधा एक नेता जी वोट मांगने के लिए एक बूढ़े आदमी के पास गए  और उनको 1000/- रुपये पकड़ाते हुए कहा, "बाबा जी, इस बार वोट मुझे दें।" बाबा जी ने कहा, बेटा मुझे पैसे नहीं चाहिए। वोट चाहिए तो एक गधा खरीद के ला दो! नेता को वोट चाहिए था, वो गधा ढूंढने निकला। मगर कहीं भी 20,000/- से कम क़ीमत पर कोई गधा नही मिला। तो वापस आकर बाबा जी से बोले, मुनासिब क़ीमत पर कोई गधा नहीं मिला। कम से कम 20,000/-  का एक गधा है। इसलिए मैं आपको गधा तो नहीं दे सकता। बाबा जी ने कहा,  "बेटा, वोट मांग कर शर्मिंदा ना करो!" "तुम्हारी नज़र में मेरी कीमत गधे से भी सस्ती हैं! जब गधा 20,000/- से कम में नही बिका तो मैं तो इंसान हूँ 1000/- में कैसे बिक सकता हूं ?  😄😄😄🤔🤔😇😇 जागो मतदाता जागो अपनी कीमत पहचानो ।