ताप मान
भारत में इन दिनों गर्मी का मौसम चल रहा है। ऐसे में तापमान का बढ़ना भी स्वाभाविक है। पिछले कई दशक से लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। होना भी चाहिए क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग से न सिर्फ इंसान, पेड़, पौधे, पशु व पक्षियों के साथ ही पर्यावरण और हमारे वातावरण पर व्यापक असर पड़ रहा है। एक तरफ बर्फ पिघल रही है, दूसरी तरफ ओजोन परत में भयंकर छेद हो चुका है। इस विषय से इत्तर हाल ही में मान ताप देखने को मिला। एक तरफ जहां गर्मी से लोग पसीना-पसीना होकर एसी, कूलर और पंखे से राहत पाने की कोशिश कर हैं। इधर पंजाब के मुख्यमंत्री मान साहब का ताप अपने ही मंत्री के लिए बढ़ गया। उनके तापमान कहें या मान ताप का असर यह हुआ कि इस भीषण गर्मी में मंत्री जी को जेल की हवा खानी पड़ी। हालांकि पंजाब में इस बार नई गर्मी का असर लू के थपेड़े जैसे महसूस हो रहा है। इधर वैज्ञानिक अध्ययन की माने तो तापमान जिस तेजी से बढ़ रहा है उसका कारण बढ़ती आबादी, पेड़-पौधों की घटती संख्या और पर्यावरण में बदलाव ही नहीं शहर का क्रांक्रिटीकरण भी है। घर सीमेंट के, सड़कें सीमेंट की, बाग, बगीचे और फुलवारी, गली सबकुछ स