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जुलाई 28, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कुकुरमुत्ते की तरह न उगे आईअईटी और आईआईएम...

संसद के बजट में जिस तरह आईआईटी और आईआईएम की घोषणा हुई है इससे इस पढ़ाई का मान गिरेगा। पहले चिकित्सा और इंजीनियरिंग का बहुत मान था पर हर जगह खुले मेडिकल और इंजिनियरिंग कॉलेज के कारण स्थिति सबके सामने है। कहीं यही हाल इस प्रोफेशनल कोर्स का न हो जाए सरकार इस ओर ध्यान दे नहीं तो आने वाले समय में कुकुरमुत्ते की तरह ये संस्थाएं उग आएगीं और स्थिति बड़ा भयावह होगा। आज खड़गपुर, अहमदाबाद और दिल्ली आईआईएम का नाम है दुनिया भर में पर अगर यही संस्थाएं लगातार खुली तो इसका मान कम हो जाएगा। सरकार को इन संस्थाओं का मान बनाए रखना चाहिए। जिस तरह रोल्स रॉयल का अपना क्रेज है उसी प्रकार आईआईएम का अपना मान है और उसमें पड़ने के लिए उसी प्रकार की योग्यता होनी चाहिए जिस प्रकार रोल्स रॉयल को खरीदने के लिए राजा होना या उसका बंसज होना अनिवार्य होता है। आईआईएम में एडमिशन उन्हीं को मिलता है जो उस लेबल का टेस्ट फाईट करता है। अमेरिका और ब्रिटेन के विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिनकी शाखाएं नहीं खुली इससे उनकी मान तो बनी ही रही साथ ही आज उनका वर्चस्व भी बना हुआ है। शाखा बड़ाने से सुविधाएं बड़ जाती है पर कंपटीशन कम होने से उसका

कॉमन वेल्थ गेम्स में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा

कॉमन वेल्थ गेम्स (cwg) में इस बार भारत का प्रदर्शन अच्छा है। हमारे खिलाड़ी लगातार जीत रहे हैं। उससे भी अच्छा यह है कि वर्तमान में हमरा हर खेल पर पर्दर्शन बेहतर रहा है। हम कुछ खेलों में हारे भी हैं पर निराश होने की जरुरत नहीं है। खेलने वाले ही हारते है।  इस बार अब तक स्वर्ण, रजत और कास्य हमने खुब जीता और अच्छे प्रदर्शन से देश के लोगों का दिल भी। हमारे खिलाड़ी कई खेलों में भाग ले रहे हैं कई के खिलाड़ी अब तक हमारे देश में तैयार नहीं हो पाए है कि वे कॉमन वेल्थ गेम्स में खेल सके। सरकार  हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि ऐसे खिलाड़ियों का मान बढ़ाए और उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि वे भी देश के लिए खेल सके। सिर्फ देश के लिए खेल न सके बल्कि देश का नाम रोशन करें और उनका बेहतर प्रदर्शन देखकर दूसरे खिलाड़ी और उनके मां बाप भी इसपर ध्यान दे सकेंगे और प्रोत्साहित होंगे। एक बात हम सभ को बचपन से सुनने को मिलता है पड़ोगे लिखोगे होगे नवाब खेलोगे कूदोगे होगे खराब। लेकिन अब यह अवधारना खत्म हो रही है न सिर्फ खत्म हो रही है बल्कि बहुत तेजी से लोग समझ रहे हैं कि अपने बच्चे की प्रतिभा को निखारें यह खेल हो आवश्यक