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जून 7, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

न्याय व्यवस्था से उठता विश्वास

उत्तरप्रदेश में पिछले एक माह में यह दूसरी घटना है जब पुलिस की मौजूदगी में किसी की निर्मम हत्या कर दी गई हो। इससे पहले पुलिस खुद गाड़ी पलटकर और अपराधी का पीछा कर एनकाउंटर कर रही थी। यह न्याय पाने और न्याय देने का तरीका पुलिस और सरकार ने जो इजाद की हैं यह भविष्य के लिए बहुत ही खतरनाक होते जा रहे हैं। कुछ जगहों से सूचना आ रही है की जेल के भीतर बन कैदियों और बंदियों तक की हत्या कर दी जा रही है। खासकर ऐसे जेलों में जहां गंभीर मामलों के अपराधी बंद हैं जिनका ट्रायल अब भी कोर्ट में लंबित है। आम जनता का पहले ही न्याय व्यवस्था के ऊपर से विश्वास डगमगा गया है, ऐसे में इधर जज के सामने गोली मारकर हुई हत्या ने कानून व्यवस्था के ऊपर से विश्वास उठाने का काम किया है।    न्याय मिलने में हो रही देरी का दुष्परिणाम अब सामने आने लगा है। पीड़ित अब न्याय पाने के लिए बेचैन और उतावले होने लगे हैं। लोगों का कानून व्यवस्था पर से विश्वास कम हो रहा है। वह अपने ढंग से न्याय की खोज करने निकल पड़े हैं। जैसे सन्यासी शांति की खोज के लिए दूरस्थ वनांचल क्षेत्र का चयन कर रहे हैं। उसी तरह से पीड़ित कहे या न्याय की खोज करने व

मुंडेर पर

अब नहीं आते कौए छत की मुंडेर पर कांव कांव कर संदेश भी नहीं देते  मेहमानों के आने की वह कहानी का बढ़ाते प्रदूषण से हो गया है खात्मा  जैसे जंगल में फलदार पेड़ खत्म हो गए हैं भुखमरी में बंदर आ रहे हैं गांव और शहर में मानव के मचाए उत्पात का बदला लेने बंदर  जंगल से बस्तियों में आकर उत्पात मचा रहे हैं  बिछाए तारों के जाल में खुद इंसान घिर गया है इन्हीं तारों में कभी कौआ फंसे अब बंदर उलझ रहे हैं किचन गार्डन से सब्जियां, बगीचे से फल हर दिन की दिनचर्या में कर लिए शामिल अब गांव और शहर के लोग परेशान हो रहे हैं बंदर का उत्पात मानव के मचाए उत्पात से कम है अब भी वक्त है सुधरने का, वर्ना जंगल में हैं शेर, हाथी, भालू जैसे जीव जो मुंडेर पर आ बैठेंगे