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मनमोहन को जापान का सर्वोच्च सम्मान मिला

देश के युवाओं में गजब जोश दिखा। सरे राह चुंबन करने में जो जोश दिखाया हमारे युवाओं ने वह बहुत बडी बात है। काश ऐसा ही जोश सड़क पर घुंमतु कम उम्र के बच्चों को शिक्षा देने में दिखाते। रोड पर जीवन यापन करने वाले मजबूर हैं उनकि मदद में देते। साथ ही इतना हीं वक्त उन लाखों लोगो को वक्त देते जो अनपढ़ हैं। बदहाल जीवन जीने मजबूर हैं को देते तो शायद दुनिया में हमारी पहंचान आज कुछ और होता और हमारी पहचान उनकी नजर में कुछ और होती। हम दुनिया में कहीं और होते। खैर देश आजाद है और सब विचार वान और बुद्धिमान है। सभी को अपना अधिकार मालूम है कर्तव्य से क्या लेना देना। कौन सा देश हमें कुछ दे रहा है कि हम कुछ दें। मुझे यह नहीं पता कि मेरे विचार सही हैं या नहीं। अपना विचार इस लिए रख रहा हूं क्योंकि मुझे लगा यह जो किया जा रहा है अपनी आजादी को दिखाने के लिए वह सही हरकत नहीं है। कई लोगों का इस विचार को पढ़ने के बाद यह भी विचार आया कि इसे मौका नहीं मिला इस लिए यह यहां पर लोगों को अपने विचार से मतांतर कर रहा है। मेरी बातों पर लोगों को यह भी लगेगा कि इसे मौका मिला होता तो यह भी वहीं हरकत करता जो दिल्ली में