लगातार प्रताड़ित कर रही है प्रकृति
लगातार प्रताड़ित कर रही है प्रकृति... जुलाई में सावन आता है और बारिश की फूहार होती है लोग उत्साहित होते हैं पर कुछ सालों से ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले साल जहां उत्तराखंड तबाह हुआ वहीं इस साल भी कुछ कम हादसे जुलाई में कम नहीं हुए। हर तरफ से हादसों का समाचार आ रहा है, देख लिया हमने प्रकृति से छेड़खानी की तो उसने नहीं बख्शा चाहे वह सुनामी हो या उत्तराखंड। अब महाराष्ट्र के पुणे के भीमाशंकर को हीं ले तो पाएंगे की गांव के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा। हम दबने वाले और मृत लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं ऐसा नहीं होना था। बुधवार की सुबह हुई यह भूस्खलन क्या वाकई प्रकृति है सिर्फ लगातार चार दिनों से बारिश होने के कारण यह हुआ है। नहीं यह लगातार पानी बरसने से नहीं हुआ इसके पीछे कारण है। हां हो सकता है इस गांव में न हुआ हो पर आसपास के क्षेत्र में यह लगातार हो रहा है। सिर्फ आस पास के क्षेत्र ही नहीं माहाराष्ट्र और पर्टिकुलर कुछ राज्य की बात यहां नहीं हो रही है यहां बात कर रहा हूं प्रकृति के साथ खिलवाड़ की। उत्तराखंड में इतने बांध बना दिया गया इतने पेड़ काट दिये गये और तो और नदियों को उल्टा बहने पर