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अप्रैल 16, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जान अब भी बाकी है

छोड़ ताम झाम को मैं निकला घर से क्योंकि मुझमे अब भी जान बाकी है क्या बताऊं दोस्तों की मुझमें प्राण बाकी है..........
मैं बहुत थक गया हुं मुझे कुछ नहीं कहना है मैं हार गया दुनिया से मुझे अब चुप रहना है सोच लिया इस दुनिया में करना नहीं है नाम मुझे नाम कमाने वाले अक्सर बदनाम हुआ करते हैं हां कोई मेरे सामने कोई मुझे कुछ नहीं कहेगा यह पता है पर पीठ पिछे जो मेरी तारिफ करेगा वह क्या कम होगा इसलिए मैं कुछ नही कहुंगा मुझे कुछ नहीं कहना है......