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जुलाई 29, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या यह सही है...

क्या यह सही है... मुझे इतिहास नहीं पता पर मेरा देश से यह सवाल है कि मैं ये जो पोष्ट किया हूं वह सही है या गलत? क्या ऐसा हुआ है ? पहले अगर हां तो आगे क्या होने वाला है? क्या वाकई ऐसा होगा क्या ऐसा हीं होते रहेगा ? 1378 में भारत का एक हिस्सा हुआ और बना - इरान 1761 में भारत का दूसरा हिस्सा हुआ और बना - अफगानिस्तान 1947 में भारत का तीसरा हिस्सा हुआ और बना - पाकिस्तान 1971 में भारत का चौंथा हिस्सा हुआ और बना - बंग्लादेश 1952 से 1990 तक भारत का पांचवा हिस्सा होकर बना - कश्मीर क्या आगे आने वाले समय में उत्तरप्रदेश, केरल, असाम, बंग्लादेश को अलग करने की कोशिश हो रही है ? क्या देश का विभाजन होने वाला हो जैसा माहौल बन रहा है उससे ऐसा ही लग रहा है। केन्द्र में भाजपा की सरकार है क्या ऐसा होने दिया जाएगा। क्या उस कहावत को हम चरितार्थ कर रहे हैं कि पहले हम अनपढ़ थे तब सरदार वल्लभ भाई पटेल को चुनते थे और आज हम जब पड़े लिखे है तो फूलन देवी को चुनते हैं... क्या देश में शांति होगी या इसी प्रकार पुरी दुनिया में जिस तरह युद्ध छिड़ा हुआ है यहां भी छीड़ जाएगा।

बिलासपुर में अशांति...माहोल खराब करने की हो रही है कोशिश

यह क्या हो रहा हैं शांति का पर्व ईद मना कर लोगों को शांति नहीं मिली जो अब सड़क पर उतर आए। बिलासपुर में हिन्दू देवी देवताओं की प्रतिमा पर अभद्र टिप्पणी के बाद महौल गरम हो गया है। कौन समझाए किसको समझ आता है। पुलिस मौके पर है तनाव को शांत करने कई बार लाठियां भी भांजी है पर माहौल ठिक नहीं है। कुछ परपंरा वादी हिंदू के रक्षक दल भी वहां पहुंचे हुए है जो रक्षा कम शोषण जादा करते है। प्रशासन को सख्ती बरतने की जरुरत है। हाल बिलासपुर तो मैंने कह दिया अब कुछ समय में टीवी चैनल इसे कितना बड़ा देगा यह आप देख सकते हैं। हलांकि पेपर में ऐसा सब चिजों को ध्यान में रख कर किया जाता है।

अनाचार रोकने की मुहिम कुछ ऐसे हो शुरु की जो सार्थक हो पाएगा...

देश में कुछ दिनों या कहें पिछले कुछ सालों से अनचार(दुष्कर्म) की घटनाएं बड़ी है। यह आक्समिक नहीं हुआ धीरे-धीरे बड़ा और आज इतना बड़ गया है की अब यह भयावह हो गया है। यह इतना भयावह हो गया है जैसे सुरसा हो। इसके पीछे कारण भी है और जो मुझे समझ में आता है वह इतना है कि कन्या भ्रूण हत्या बंद हो जाए आने वाले कुछ समय में यह समाप्त होने लगेगा। साथ ही एक और बात है कि सभी लोगों को काम मिले खाली-पीली बैठे रहने से भी मन अशांत होता है और लोग गलत कदम उठाते हैं। माता पिता संस्कार के साथ बच्चों को हमेशा किसी न किसी काम में उलझाएं ताकि उसका दिमाग सिर्फ सेक्स और अनैतिक कृत्य चोरी, लूट, नशा में न लगकर सही और सार्थक जगह में लगे और मेन पावर का सही उपयोग हौ। बच्चों की बड़ती उम्र के साथ उनको काम करने के लिए भी प्रोत्साहित करें ताकि उनके हाथों में कुछ पैसे रह सके साथ ही उनकों इतना ही पैसा दिया जाए जो सही हो अनावश्यक पैसा मिलेगा तो उसका गलत उपयोग होगा ही। इसके अलावा पढ़ाई अहम है पालक आज हर वक्त अपने काम में व्यस्त रहते है जरुरी भी है काम करना और पैसा कमाना पर वे यह सब किसके लिए कर रहे अपने लिए अगर