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तोड़ दो दीवार कर लो विकास यही लहर भी है और मांग भी

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आज के ही दिन 25 साल पहले 9 नवंबर 1989 को जर्मनी ने एक दीवार तोड़ी थी जिसका नाम था बर्लिन की दीवार। दीवार तोड़ने के बाद जर्मनी का जो विकास हुआ वह दिखता है। उसकी अर्थव्यवस्था से दुनिया भर में उसका नाम है। उसके समान आज दुनिया के कोने-कोने में बिक रहे हैं। आप को बता दूं कि यह बर्लिन की दीवार पश्चिम और पूर्वी जर्मनी के बीच 13 अगस्त 1961 में बनाई गई। क्योंकि पूर्वी जर्मनी के लोग ज्यादा पैसे कमाने पश्चिम जर्मनी जाते थे। 28 साल तक यह दीवार बनी रही, और अंतत: जब समझ आया कि आर्थिक तंगी और गरीबी की वजह क्या है तो इस 155 किलोमीटर लंबी, 11 हजार सौनिको की रखवाली 302 ऑब्जर्वेशन टावर, इलेक्ट्रिकल वायर फैंसिंग, 20 बंकर और 127 किमी की फैंसिंग से सुरक्षित इस कंक्रीट की दीवार को तोड़ दिया गया सिर्फ विकास और विकास के लिए। और इस दीवार को तोड़ने के बाद दुनिया में सबसे कमजोर देश बन चुके जर्मनी की हालत आज दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार निर्माता,  बीएमडब्ल्यू, ऑडी, मर्सेडीज बैंज, एडिडास, प्यूमा उसकी पहचान है। दोनों देश एक होकर आज अर्थव्यवस्था में मशीनरी व्हीकल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है। न सि