संदेश

दिसंबर 31, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

देश के मंत्रीयों ने अपनी मां को रखा है गिरवी मोबाइल कंपनी के मालिकों के पास

लूट मचा दी बेशर्म मोबाइल नेटवर्क कंपनियों ने  नया साल क्या आया डोकोमो, रिलायंस जैसे कई कंपनियों ने लूट मचा दी। हरामखोरी की भी हद होती है। इन हरामखोर कंपनियों ने पहले एसएमएस का चार्ज 31 और 1 जनवरी के लिए टेरिफ प्लान को कैंसिल किया और भारत की हिजरी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो कुत्ती नियमों के आधार पर हरामखोरई शुरु कर दिया। इन मा.... ने तो हद अब कर दी की कॉल पर भी टेरिफ प्लान कैंसिल कर दिया। क्या गुंडा गर्दी है। हराम खोर सरकार के मंत्री क्या अपनी मां को इन कंपनियों के मालिकों के पास गिरवी रख दिए हैं। पब्लिक ने वोट देकर सरकार बनाई है। सेवा के नामपर मां...... रखें हैं। कंपनियां तो ऐसा मैसेज भेजती जैसे अपने बाप को भेज रही हैं। इन मादर..... कंपनियों की ऐसी कि तैसी करने नक्सली ही ठीक करते हैं. उनका समर्थन होना चाहिए। ऐसी सरकार से अच्छी तो नक्सलवादी है कंपनियों के टावर उड़ाकर जो इनकी मां..... है वह ही सही है। साले लोग गां..... मारकर रख दिए है। नेटवर्क क्या दे रहे है जैसे पुरी इनके बाप का हो गया। 

New Year: यह कैसा नया साल

लोग उत्साहित कैसे हो सकते हैं। अभी कुछ ही दिन पहले तो 150 से ज्यादा बच्चों का कत्लेआम हुआ है। अभी कल ही तो मलेशियाई विमान का पता चला है। इसमें 162 लोगों की मौत हुई है। दुनिया गम में डूबा है हम कैसे नए साल का जश्न मना सकते हैं। क्या इस दुनिया से हम अलग है। अगर हां तो किस तरह। भारत के वैसे तो हिंदूवादी लोग किसी भी चीज का विरोध करने लगते हैं। अब इस नए वर्ष पर कहां गए। लाखों करोड़ों के पटाखे फोड़ दिए गए। करोड़ों रुपए खर्च कर डीजे, पब और न जाने कहां कहां पार्टी तैयार की गई है। लोग पुरी रात आज शराब के नशे में नाचेंगे। इसमें शामिल ज्यादातर तथा कथित हिंदूवादी के बच्चे ही होते हैं। कहने को तो कुछ भी कह दें। दिखावे में जीने की आदत हो गई है हिंदूस्तानियों की। अगर ऐसा नहीं है तो नए वर्ष का विरोध कर दिखाएं। पीके का तो बहुत विरोध किया वेलेनटाइन डे का भी बहुत विरोध करते हो। अब कहां गए। अजी कहना बहुत आसान है करना कठीन। वेलेनटाइन डे का विरोध इसलिए कर लेते हो क्योंकि भारत की कुत्ती संस्कृति आपको सह देती है वरना जिस दिन आप इसका विरोध करो और उसी समय कोई बंदूक चला दे दो चार लोगों को कुत्ते की तरह सड़क पर मारक