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बजट में बाबा जी का ठुल्लू मिला

 जेब पर मोदी के कैंची का खच खच, हर घर में परिवार का कच-कच             मोदी सरकार का तीसरा बजट सत्र 2016-17 की घोषणा मार्च के पहले सप्ताह के पहले ही दिन सोमवार को वित्त मंत्री ने प्रस्तुत किया। यह सिर्फ गरीबों और अमीरों का बजट कहें तो कोई हर्ज नहीं होगा। ऐसा लगता है सरकार को जैसे सरकारी नौकरी अथवा प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग बेवकूफ हैं। उनपर जीतना टैक्स लाद दो चलेगा। वित्त मंत्री ने कर्मचारियों के पेट और पीछवाड़े दोनों पर लात मारी है, वहीं उद्योगपतियों और सरकार में बैठे लोगों को इससे मुक्त रखा है। यहा यू कहें कि मंत्री, सांसद, विधायकों को इससे लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है। यह बजट बनियावाद को बढ़ावा देने वाला और निहायत ही घटिया बजट है। सरकार के बजट में छोटे शहरों को ध्यान में नहीं रखा गया। सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश को ध्यान में रखकर यह बजट तैयार किया गया है कहा जाए तो कोई हर्ज नहीं होगी। उत्तर प्रदेश के विकास के लिए ही यह बजट बनाया गया प्रतित होता है।         मोदी सरकार ने अपना तीसरा बजट सोमवार को प्रस्तुत किया। इसमें सरकार जहां गरीबों पर तो मेहरबान दिखी लेक