अंधविश्वास की भी हद होती है
आजादी के बाद से लोगों में लगातार शिक्षा और रहन सहन में बदलाव हुआ है। लगातार लोग जागरुक और जानकार होते गए। उच्च शिक्षा देश में मिलने लगी तो यहां के कई नामचीन संस्थाओं के दुनिया में नाम हो गए। भारत के लोगो का नाम दुनिया भर में फैल गया इसलिए की यहां के लोग संस्कार वान होते है। बहुत ही बुद्धिमान होते हैं। लेकिन जब सुनता हूं की तांत्रिक के विश्वास में आकर मां ने अपने बेटे को, पड़ोसी ने पड़ोसी के बच्चे को, सांप न काटे इसके लिए मंंत्र तंत्र के बाद प्रसाद खाने से, और टोनही होने के शक में किसी की हत्या कर दी जाती है कि इससे अच्छा तो गुलामी था। कम से कम लोगों में यह अंधविश्वास तो नहीं था। तंत्र मंत्र होना चाहिए पर इस तरह नहीं कि जो वैज्ञानिक मान्यता को और सांस्कृतिक मान्यता को शर्मशार कर दे। कुछ दिन पहले दो समाचारों ने मन को बहुत आघात पहुंचाया। दोनों ही मामला छत्तीसगढ़ राज्य का है। वैसे तो बहुत सारे समाज सेवी यहां काम कर रहे है। समाज सेवी संस्थाएं काम कर रही है पर यहां कुछ ज्यादा ही टोनही होने पर अपराध होने की घटनाए होती है। कुछ दिन पहले कि ही बात है यहां के छत्तीसगढ़ के बेलतरा की घटना दिल दहला द