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जुलाई 29, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

याकूब यानि आंतक का अंत सही पर मीडिया में क्या उस दिन भी इतनी चर्चा हुई जब कितने सारे घरों को उजाड़ दिया था इन हरामखोरों ने

याकूब मेनन हरामखोर देश का गद्दार माचो... ऐसे लोगों को कुत्तों के मांद में डालकर मारना था। सालों ने जो किया था उसके लिए इससे भी बुरी मौत होनी चाहिए थी। पुरी जिंदगी जेल में सड़ाकर अंतिम समय में फांसी देना था हरामखोर को। साले ने देश की मुंबंई को अपने बाप की सल्तनत समझ लिया था। बुरी इस बात की लगी की हरामी की मौत पर मीडिया ने बहुत चर्चा कर दी। ऐसे हरामखोरों के खिलाफ अमेरिका जैसे देश सही कार्रवाई करती हैं। अपने दुश्मनों को या तो सीधे सूट कर देती हैं या फिर 50 साल और सौ साल की सजा सुनाती है। मीडिया ने मुंबई पर हुए हमले और इस हमले में मरने वालों के परिवार के बारे में नहीं दिखाया यह बुरी बात है। काश एक बार याकुब हरामी के परिवार वालों के बजाय जो सुअर को जन्म दिया है उन्हें दिखाने के बजाय उन परिवारों को दिखाते कि कैसे खुश हो रहे हैं। उन्हें यह न्याय मिलना बड़ी बात है। 2002 में किस तरह कई परिवारों को अपने से अलग कर दिया था इन हरामखोरों ने हमेशा हमेशा के लिए। देखा कुछ कुत्तों को देश के गद्दारों की गां...चटाई करने वालों की। हरामखोर नेताओं को जो खाते इस देश की है और खाते इन मादर...चो... की है। हरामखोर

टाटा डोकोमो की दादागीरी से ग्राहक परेशान, दो अगस्त को मैसेज प्लान नहीं करेगा काम

मोबाइल नेटवर्किंग कंपनी टाटा डोकोमो के दादागीरी से ग्राहक परेशान है। मैं खुद टाटा डोकोमो का ग्राहक हूं। लगातार देख रहा हूं कि टाटा डोकोमो अपने मनमर्जी तरिके से मैसेज कर चार्ज की कटौती कर रहा है। ट्राई के अधिकारी इस मामले को नजर अंदाज कैसे कर रहे हैं। अब तो ऐसा महसूस किया जा रहा है कि इनकी भी मिली भगत है। पहले त्योहारों पर एसएमएस के चार्ज नहीं लगते थे। फिर उनपर चार्ज लगने लगे कॉल पर नहीं लगते थे। अभी ईद के मौके पर टाटा डोकोमो ने कॉल में एक कॉल का एक रुपए से डोढ और दो रुपए तक चार्ज काटे। पूछे जाने पर ब्लैक डे बनाने की बात कही गई। अभी एक बार फिर टाटा डोकोमो का मैसेज ग्राहकों को मिल रहा है कि 2 अगस्त को एसएमएस चार्ज प्लान से हटकर कटेगा। यह क्या दादागीरी नहीं तो और क्या है। क्या ट्राई में बैठे सारे लोग अंधे हो गए हैं। क्या उन्हें दिखाई नहीं देती। पब्लिक फिर किस दिन के लिए मैसेज पैक और कॉल रेट कम करवाता है। जब तीज त्योहारों पर अपने लोगों और रिस्तेदारों से बात-चीत भी न कर सके। यह दादागीरी ही नहीं गुंडागर्ती और रंडीपना है टाटा डोकोमो का इस घटिया हरकत के लिए जितनी भी गालिया दी जाए कम है। ऐसे म