छत्तीसगढ़ की मिट्टी
लाल-पीली मिट्टी राज्य के लगभग 55% भाग पर इस प्रकार की मिट्टी का विस्तार है। यह छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक भू-भाग में पाई जाने वाली मिट्टी है। लाल-पीली मिट्टी का निर्माण मुख्यतः गोंडवाना चट्टानों से हुआ है। इसमें पी-एच. मान 5.5% से 8.5% तक होता है। इसमें धान, ज्वार, बाजारा, एवं दालों की खेती की जा सकती है। लाल रेतीली मिट्टी छत्तीसगढ़ में लाल रेतीली मिट्टी का क्षेत्र के अनुसार विस्तार दूसरे क्रम में है, जो प्रदेश के लगभग 30% क्षेत्र में मिलती है। इस मिट्टी के रवे महीन एवं रेतीले होते है। इसकी उर्वरता कम होती है। रेत की अधिकता के कारण इस मिट्टी में जल रोकने की क्षमता कम होती है। इस मिट्टी में मोटे अनाज जैसे- कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, आलू आदि की खेती की जा सकती है। लाल दोमट मिट्टी यह मिट्टी राज्य के लगभग 10 भाग में पाई जाती है। क्ले युक्त इस मिट्टी में लौह युक्त शैलों का अंश अधिक होने से इनका रंग ईंठ के समान लाल होता है। इसका पी-एच. मान 6.6% तक होता है। इस मिट्टी में आर्द्रता ग्रहण करने की शक्ति बहुत कम होने के कारण सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। यह मिट्टी धान एवं मोटे