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मार्च 22, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जनता कर्फ्यू के दौरान नक्सली हमला देश को उकसाने का काम कर रहा

बेरोजगारी से जंग लड़ रहे भारत के जवानों को ऐसे ही मारते रहेंगे तो‌ कैसे ये आपकी सुरक्षा करेंगे जनाब। आपकी लड़ाई जो भी हो, लेकिन हथियार उठाकर अपने ही देश के नौजवानों को मार दे यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। आप सत्ता के लिए लड़ रहे हैं, ‌लेकिन उस सत्ता को कोई हथियार के डर से कुछ समय के लिए भले स्वीकार करा ले, लेकिन वास्तविक रूप में उसे लोग सिर्फ कुछ समय के लिए ही सत्ता में रहने देंगे। बाद में फिर विद्रोह होगा, फिर उतनी ही जाने जाएंगी। क्योंकि हथियार के दम पर मिलने वाली सत्ता भी हथियार के दम पर ही नष्ट होती है। 17 जवान नक्सली हिंसा में शहीद हुए। एंबुश में उस दिन फंसे जिस दिन प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था, लोग अपने घरों से न निकले लोगों से न मिलें जिससे कोरोना से आम लोग बच जाएं। कोरोना का चेन टूटे और देश इस महामारी से सुरक्षित हो। ऐसे समय में असामाजिक ताकतों से सुरक्षा के लिए पुलिस जवान, रोग पीड़ित मरीज की सुरक्षा के लिए डाॅक्टर, जगह जगह क्या घटनाएं हो रही हैं उसको कवरेज करने के लिए पत्रकार, गंदगी न फैला रहे, रोग जनित जीव न हो इसके लिए सफाई कर्मी और दूसरे आवश्यक लोग काम कर र