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योजनाओं के साथ पहल जरुरी है

योजनाओं के साथ पहल जरुरी है केन्द्र सरकार कई प्रोजेक्ट चलाकर नदियों को साफ करवा रही है। गंगा, यमुना में गंदगी का अंबार लग गया है। कोई माने या न माने पर नदी कभी मर नही सकती यह तय है। यमुना दिल्ली के बाद कई जगहों पर हलांकि सुख जरुर गई है पर उसमें गंदगी ड़ालने और नाले में तब्दिल करने की लोगों की साजिश कभी रुकी नहीं है। लगातार जारी है जैसे नदी कभी शांत नही हो सकती उसी तरह उसके किनारे बसे शहर कभी शांत नही हो सकते। हाल में कोशी में बाढ़ का मंजर है। बिहार के ज्यादा तर शहर इसके चपेट में आएंगे। तबाही तो होगी ही। पहाड़ी नदी है। बिहार का शोक इसे कहा जाता है। जन हानी को सरकार रोकने के लिए प्रयासरत है पर क्या माल हानी को भी रोका जा सकता है। नहीं क्योंकि बनाए हुए घर को कहीं ले जाया नही जा सकता। और वैसे भी यह नदी पहड़ी नदी है नेपाल से निकलती है तो इसका प्रवाह तेज होना लाजमी है। पर हमेसा इस नदी में उतना ही पानी आता होगा जितना 10 साल पहले आता था यह कहना कठिन है। पहले हो सकता है ज्यादा पानी आता हो या यह भी हो सकता है कि अब जबकि हर जगह क्रांकिटीकरण हो गया है तो पानी कहीं नहीं ठहरता और नदी में ज्यादा