रामपाल कैसे संत जो देश की कानून को नहीं मानते
देश की मीडिया में इन दिनों हरियाणा के कथित संत रामपाल (क्योंकि संत शांत शब्द से बना है और इनका नाम आते ही अशांति और उपद्रव होने की बात दिखती है) को लेकर कोहराम मचा हुआ है। हर बड़ी खबर के बाद इनके बारे में दिखाया जा रहा है। रामपाल जो भी हो इससे पहले भी कई संत जेल गए है। खुद रामपाल पहले भी जेल जा चुके हैं। ऐसे में यह कोहराम क्यों है। समझ से परे है। रामपाल देश की कानून व्यवस्था से ऊपर नहीं है। उनके समर्थक देश के कानून को माने। खबर आ रही है कि एक रामपाल को बचाने 8 लोगों की मौत हो चुकी है। एक आदमी को बचाने इतने लोगों की बली दिया जाना कितना न्यायोचित है। देश की न्यायालय ने उन्हें पेश होने कहा है। इसके बाद भी अगर वे उसकी अवहेलना कर रहे हैं तो इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या होगी। ऐसे व्यक्ति को फिर भी संत कहा जाना कितना सही होगा। संत तो वह होता है जो न्याय कानून और ऐसे तमाम चिजों को माने ‘और लोगों को इस और जागरूक करे ताकि वे गलत कार्य न कर सके। यहां तो संत खुद कानून तो तोड़ ही रहे हैं अपने अनुनाईयों और समर्थकों से भी कानून तोडवा रहे है। यह गलत है और संत समाज को इसकी निंदा करनी