संदेश

मार्च 22, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विश्व के 1.6 अरब लोगों को पीने का स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा है

विश्व जल दिवस पर विशेष जानकारी नदी एवं जल विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश भारती से जानिए ‘जल है तो कल है।' विश्व जल दिवस यानी जल के महत्व को समझने का दिन।  जल को संरक्षित कर सभी प्राणियों के लिए जल उपलब्ध कराने हेतु संकल्प लेने का दिन। इन्हीं उद्धेश्यों को लक्षित कर संयुक्त राष्ट्र ने 1992 में रियो डि जेनेरियो के अपने अधिवेशन में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया, तब से प्रतिवर्ष विश्व समाज जल दिवस मनाता आ रहा है। आज विश्व के 1.6 अरब लोगों को पीने का स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा है। जल के संरक्षण तथा सभी को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना आज  की सबसे बड़ी चुनौती  है। राष्ट्रीय जलनीति 1987 के अनुसार, जल प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है। यह मनुष्य की बुनियादी आवश्यकता है और बहुमूल्य संपदा है। प्रकृति ने हवा और जल प्रत्येक जीव के लिए निःशुल्क प्रदान किए हैं। जल सबको चाहिए और इस पर सबका अधिकार  होना चाहिए। लेकिन आज वर्चस्ववादियों ने जल पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया है। आम आदमी गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है। जल में आवश्यकता से अधिक खनिज पदार्थ, अनावश्यक लवण, कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ,