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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पहला पत्र

लेख के शब्दों में दर्द है गुस्सा है। इसलिए इस लेख को लिखने का लहजा गलत हो सकता है। दुख और गुस्सा है तो स्वभाविक है कि उसे बयां करना न आया हो। मेरे शब्दों का चयन हो सकता है गलत हुआ होगा, लेकिन अगर यही घटना आपके घर पर होता तो शायद इन शब्दों से कहीं ज्यादा गलत लहजे का प्रयोग आप करते। लोगों के मन में जो गुस्सा है और जितनी गालियां वे दे रहे हैं राज्य की सरकार को उतना यहां लिखना संभव नहीं है।  अगर उन लोगों के दर्द को लिखूं तो किताबों में भी न समा पाए। यह एक लेख है इसमें आपको राज्य के बारे में यहां हो रही घटनाओं के बारे में बताया जा रहा है। ताकि आप भी उनके गुस्सा को जाने कि कितना गुस्सा होगा जिनके घर यह घटनाएँ हुई हैं। यहां व्यक्त किया गया दर्द राज्य के आवाम का है। यहां आपको बता दूं कि राज्य की आवाम राज्य में अब रमन सरकार नहीं चाहती। खासकर स्वास्थ्य मंत्री जो सिर्फ कुर्सी के लोभ में है जनता का दर्द दु:ख नहीं देखते और राज्य के मुखिया डॉ. रमन सिंह उनका साथ दे रहे हैं। उनके नाक के नीचे दवा कंपनी दवाईयों में चूहा मार जहर डाल कर लोगों को मार डाले हैं और सरकार ऐसे स्वास्थ्य मंत्री को बर्खाश्त करन