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धर्म परिवर्तन पर संसद में पहली बार बवाल

धर्म परिवर्तन पर पहली बार संसद में बवाल मचा है। यह पहला मौका है जब देश के नेताओं को धर्म परिवर्तन होने की जानकारी मिली है। इससे पहले तथा कथित अल्पसंख्यक (2करोड़ से ज्यादा आबादी वाले लोग) अलग-अलग माध्यम से धर्म परिवर्तन करा रहे थे तब क्यों बवाल नहीं मचा। वोट बैंक कि राजनीति कर बंग्लादेशी नागरिकों को भारत में अल्पसंख्यक किन लोगों ने बनाया। नागरिकों ने या वही संसद में बैठे राजनीतिक पार्टियों में बैठे लोगों ने। आज जो सुविधाएं भारत के लोगों को मिलनी चाहिेए थी पश्चिम बंगाल में, असम और तमिलनायडू में दूसरे देश के लोगों को मिल रही है। भारत के जवान रोज मारे जा रहे है शरहद पर उसपर कभी बवाल नहीं मचा। किसी भी दिन ऐसी मांग उनलोंगो ने नहीं किया कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार गोलीबारी हो रही है और बंग्लादेश से लगातार घुसपैठ हो रहा है उसके लिए कदम उठाया जाए। चीन के सैनिक लगातार सीमा क्षेत्र में घुस आते हैं इसपर कभी बवाल नहीं मचा। आज जब हिंदू धर्म पर संकट आ गई है उसे बचाने के लिए प्रयास हो रहे हैं तो इसे राजनीतिक लोग धर्म परिवर्तन के रंग में रंगने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों ने वहीं किया ना जो वे करते हैं